बुजुर्ग !?पार्ट 01

उन अपनों के बीच?!
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एक फैमिली एक कार में तीर्थाटन पर निकली थी। उस फैमिली में एक बुजुर्ग भी था। 

देश के अनेक हिस्सों में बरसात शुरू हो चुकी थी।

वह कार निर्मदा नदी के किनारे किनारे किसी क्षेत्र में थी।

दूर जंगल में एक खंडहर में एक बुजुर्ग लाठी लिए किले की छत के सहारे जैसे तैसे एक टीले पर आ गया था।जहां वह एक वेल पत्ते तोड़ने लगा था।

काफी दूर निर्मदा नदी बह रही थी।
वो...

उस बुजुर्ग ने दूरबीन से देखा ।
एक कार निर्मदा नदी में आकर फंसी हुई थी।

"मालिक,तेरी मर्जी।" 


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उधर तेज बरसात हो रही थी।

जहाँ तहां पानी की धार तेज हो गयी थी। 

कार फिसल कर नदी में बह गयी थी। बड़ी बड़ी मुश्किल से सभी अपने को बचा पाए थे ।लेकिन उनके साथ का बुजुर्ग तेज धार में बह गया था।

किसी आफिस में टीबी पर एक कर्मचारी देख रहा था कि कैसे एक कार तेज धार में बह चली।

आफिसर ने तुरंत किसी को फोन किया।

"नमस्ते सर।"
"नमस्ते। चौकी पर किसकी ड्यूटी थी  - 11.06am पर?उस कार कैसे जाने दिया। देख रहे हो कैसा मौसम हो रहा है?"


पुनः -
"चौकी पर के सब नपेंगे।वह कार निर्मदा में बह गई है।"

"सॉरी, सर। "

"तुम तो सॉरी से कांच चला रहे हो लेकिन उस परिवार से पूछो जो उस कार में उपस्थित थे*"

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1 Comments

Seema Priyadarshini sahay

23-Jun-2022 10:51 AM

बेहतरीन रचना👌👌

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